"प्रेम प्रयाग"
मैंने देखे दृश्य विहंगम
पाँचों ओर तेरे ही संगम,
पाँच नदी से नाता जोड़
पंच प्रयाग बनाती हो,
छठी बार संगम कर मुझसे
प्रेम प्रयाग बना देना,
अलकनंदा मुझसे लिपट कर
बाहों मेरी सो जाना।
पंच प्रयाग:- 1.अलकनंदा+विष्णुगंगा/धौलीगंगा=विष्णु प्रयाग,2.अलकनंदा+मंदाकिनी=रुद्रप्रयाग,3.अलकनंदा+पिंडर=कर्णप्रयाग,4अलकनंदा+नंदाकिनी=नंदप्रयाग,5.अलकनंदा+भागीरथी=देवप्रयाग।
©ऋतुराज पपनै "क्षितिज"
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