बचपन या बचपना, दोनो अब दूर है, बचपन का लौटना तो ना | हिंदी शायरी

"बचपन या बचपना, दोनो अब दूर है, बचपन का लौटना तो नामुमकिन है, मगर बचपना लौट सकता है, दिल खोलकर , चिंतामुक्त हो कर, चलो एक बार बचपना करते है, हम सब अपने बचपन को फिर से जवां करते है।। बाल दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं ❤️❤️❤️ -लफ़्ज-ए-प्रशान्त✍🏻 ©Prashant Badal"

 बचपन या बचपना,
दोनो अब दूर है,
बचपन का लौटना तो नामुमकिन है,
मगर बचपना लौट सकता है,
दिल खोलकर , चिंतामुक्त हो कर,
चलो एक बार बचपना करते है,
हम सब अपने बचपन को फिर से जवां करते है।।
बाल दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं 
❤️❤️❤️
-लफ़्ज-ए-प्रशान्त✍🏻

©Prashant Badal

बचपन या बचपना, दोनो अब दूर है, बचपन का लौटना तो नामुमकिन है, मगर बचपना लौट सकता है, दिल खोलकर , चिंतामुक्त हो कर, चलो एक बार बचपना करते है, हम सब अपने बचपन को फिर से जवां करते है।। बाल दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं ❤️❤️❤️ -लफ़्ज-ए-प्रशान्त✍🏻 ©Prashant Badal

बचपन या बचपना
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