"काली, कपाली वो तो हैं भवानी।
अपराजिता, है जिसकी अद्भुत कहानी।
वो है मां भवानी।।
शक्ति की वो है अनोखी निशानी।
पल भर में दुष्टों को मिटाती।
वो है मां भवानी।।
काल खण्ड; कपाल खण्ड ।
प्रज्वलित ज्योति सी अखण्ड।
जिसके कोप से हिले पूरा ब्रम्हांड।
वो है मां भवानी।।
सिद्धिदात्री , शिव अर्धांगिनी बन
वाम अंग विराजी , वो है मां भवानी।।
©Abhishek yadav
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