Dear Moon दूर हुआ भ्रम सबका
आया युग जब मानव का
चंदा मामा है या माता
दूर हुआ यह अपवाद
जब निकला वह बस चांद
दूर हुआ सबका भ्रम
जो उस चांद में दिखती थी सबको काली छाया
है वह चट्टान जब मानव ने बतलाया
दूर हुआ सबका मोह माया
मानव ने छलांग लगाई उस चांद पर
दूर हुए सब अपवाद
कि अब उस मामा पर होगा मानव वास
©dimpal yadav