ना तू रहा न मैं रहा ,
इस दिल में अब कोई खुमार न रहा।
इन वादियों में तेरा एहसास न रहा ,
ये शहर अब मेरा न रहा।
की आती नहीं खुशबू तेरी फिजाओं से,
मुझे अब इत्र का भी शौक न रहा।
गालों पे तेरे अब वो रूखसार ना रहा ,
मुझको भी तेरे दीदार का इंतजार न रहा।
मेरी आशिकी भी दम तोड़ने लगी ,
अब और तुझसे मोहहबत ना रहा ।।2 II
©Zen Palash
ना तू रहा न मैं रहा ,
इस दिल में अब कोई खुमार न रहा।
इन वादियों में तेरा एहसास न रहा ,
ये शहर अब मेरा न रहा।
की आती नहीं खुशबू तेरी फिजाओं से,
मुझे अब इत्र का भी शौक न रहा।
गालों पे तेरे अब वो रूखसार ना रहा ,
मुझको भी तेरे दीदार का इंतजार न रहा।