हे वेदमाता हे वीणावादनी, हमको ले अपनी शरण,
तेरी भक्ति से कर दें हमको,भर दें विद्या से दामन तेरी शरण।।
हे माता हमे तुम शक्ति दो,हे माता हमें तुम भक्ति दो।
विद्या का ज्ञान हमें दें दो,हे माता हमें सद्बुद्धि दो।।
शब्दों की हमें माला दें दो,ज्ञान हमें तुम शक्ति दो।
पढ़ने की हमें बुद्धि दें दो,हे माता हमें सद्बुद्धि दो।।
हे माता हमारे ह्रदय मे,इल्म की ज्योति जला देना।
हे माता हमारे अंतरमन को,पढ़ने को प्यासा कर देना।।
हे माता हमारे मन को तुम,रंगमल्ली के स्वर से भर देना।
हे माता हमारे तन मे तुम,रग -रग मे भक्ति भर देना।।
हे माता हमें तुम शक्ति दो,हे माता हमें तुम भक्ति दो।
विद्या का ज्ञान हमें दें दो,हे माता हमें सद्बुद्धि दो।।
©भरत सिंह जोधाणा
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