Red sands and spectacular sandstone rock formation | English कविता

"Red sands and spectacular sandstone rock formations प्रातःकाल लेकर सवाल सूर्य हुआ उदित फिर से अनुचित, उचित उलझेंगे,बेवजह, नाहक राग, द्वेष, प्यार और शक पैसा, रुतबा, अहं व धन उलझे दिमाग़ और मन सूर्य हुआ अस्त इंसान हुआ पस्त किस्सा कर घर मे बयान सो जाता फिर चादर तान ©Kamlesh Kandpal"

 Red sands and spectacular sandstone rock formations प्रातःकाल
लेकर सवाल 
 सूर्य हुआ उदित 
फिर से अनुचित, उचित 
उलझेंगे,बेवजह, नाहक
राग, द्वेष, प्यार और शक  
पैसा, रुतबा, अहं व धन 
उलझे दिमाग़ और मन 
सूर्य हुआ अस्त 
इंसान हुआ पस्त 
किस्सा कर घर मे बयान 
सो जाता फिर चादर तान

©Kamlesh Kandpal

Red sands and spectacular sandstone rock formations प्रातःकाल लेकर सवाल सूर्य हुआ उदित फिर से अनुचित, उचित उलझेंगे,बेवजह, नाहक राग, द्वेष, प्यार और शक पैसा, रुतबा, अहं व धन उलझे दिमाग़ और मन सूर्य हुआ अस्त इंसान हुआ पस्त किस्सा कर घर मे बयान सो जाता फिर चादर तान ©Kamlesh Kandpal

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