टकरा गए थे तुम्हारे ख्वाब हमारी नींद से कहीं, अब स | हिंदी शायरी

"टकरा गए थे तुम्हारे ख्वाब हमारी नींद से कहीं, अब सड़क से गुजरते है तो आंखे खुली रखते हैं !! आशीष माधव ©ASHIS MADHAW"

 टकरा गए थे तुम्हारे ख्वाब हमारी नींद से कहीं,
अब सड़क से गुजरते है तो आंखे खुली रखते हैं !!
          आशीष माधव

©ASHIS MADHAW

टकरा गए थे तुम्हारे ख्वाब हमारी नींद से कहीं, अब सड़क से गुजरते है तो आंखे खुली रखते हैं !! आशीष माधव ©ASHIS MADHAW

#DarkCity

People who shared love close

More like this

Trending Topic