White [Verse 1] मैंने सुना है, वो सुनता है सबकी, | हिंदी शायरी Video

"White [Verse 1] मैंने सुना है, वो सुनता है सबकी, मैंने सुना है, वो सब जानता है। मैंने लिखा है खत नाम का उसके, पूछा है उससे, है अंत अगर तो कहाँ है? [Chorus] है कहाँ वो, है कहाँ? अगर है वो, तो है कहाँ? है कहाँ वो, है कहाँ? अगर है वो, तो है कहाँ? [Verse 2] ढूँढा उसको, डगर-डगर, कहीं रहता है, वो अलग नगर। लिखा है उसको, हाल सारे, पूछा है उससे, वो है किधर? [Chorus] है कहाँ वो, है कहाँ? अगर है वो, तो है कहाँ? है कहाँ वो, है कहाँ? अगर है वो, तो है कहाँ? [Verse 3] भटकता मैं मुसाफिर, ऐसा जिसका तू ही है आखिर थक गया हूँ इस सफर से हारते-हारते समा ले मुझे खुद में तू, मुझमें नहीं मेरा बाकी कुछ रहा ढूँढा उसको, जगहा-जगहा बताया उसका पता जहाँ-जहाँ किसी ने कहा मंदिर में है मिला किसी ने कहा मस्जिद में है देखा क्या उसी की है कहानी सारी क्या उसी ने है हर किरदार गढ़ा [Chorus] है कहाँ वो, है कहाँ? अगर है वो, तो है कहाँ? है कहाँ वो, है कहाँ? अगर है वो, तो है कहाँ? [Verse 4] खड़ा हूँ मझधार पर मैं, अब थाम ले हाथ मेरा। तेरा ही हूँ मैं, सब कुछ छूट रहा हाथों से, नाव भी डूब रही है हालातों से। खेल उसका कमाल बड़ा, जग में जो मिला उसका मिला, नहीं मिला तो बस वो नहीं मिला। [Chorus] है कहाँ वो, है कहाँ? अगर है वो, तो है कहाँ? है कहाँ वो, है कहाँ? अगर है वो, तो है कहाँ? [Verse 5] शायद वो रूठ गया मुझसे, जो था मेरा, छूट गया मुझसे। न रही अब उम्मीद मुझसे यहाँ, क्या वो भूल गया मुझको, या बाकी है अभी मेरी सज़ा? [Chorus] है कहाँ वो, है कहाँ? अगर है वो, तो है कहाँ? है कहाँ वो, है कहाँ? अगर है वो, तो है कहाँ? [Bridge] तुझमें से ही तो हूँ मैं, भटकता मुसाफ़िर मैं, मेरी मंजिल तू है, है तू कहाँ? [Bridge Continued] मुझमें है अगर तू, तो तुझमें से ही मैं बना। समा ले अब फिर मुझे खुद में तू, तुझमें से ही तो हूँ मैं, तेरा ही हूँ मैं, तू है कहाँ? [Outro] न अब किसी के आने की खुशी, न किसी के जाने का गम, कभी टूटे, कभी कहीं बिखरे थे हम समेट कर बैठे जो इस कहानी को कहीं देखा, कहानी ही हमारी नहीं, एक कहानी में थे हम.......... ©Gaurav Rajput "

White [Verse 1] मैंने सुना है, वो सुनता है सबकी, मैंने सुना है, वो सब जानता है। मैंने लिखा है खत नाम का उसके, पूछा है उससे, है अंत अगर तो कहाँ है? [Chorus] है कहाँ वो, है कहाँ? अगर है वो, तो है कहाँ? है कहाँ वो, है कहाँ? अगर है वो, तो है कहाँ? [Verse 2] ढूँढा उसको, डगर-डगर, कहीं रहता है, वो अलग नगर। लिखा है उसको, हाल सारे, पूछा है उससे, वो है किधर? [Chorus] है कहाँ वो, है कहाँ? अगर है वो, तो है कहाँ? है कहाँ वो, है कहाँ? अगर है वो, तो है कहाँ? [Verse 3] भटकता मैं मुसाफिर, ऐसा जिसका तू ही है आखिर थक गया हूँ इस सफर से हारते-हारते समा ले मुझे खुद में तू, मुझमें नहीं मेरा बाकी कुछ रहा ढूँढा उसको, जगहा-जगहा बताया उसका पता जहाँ-जहाँ किसी ने कहा मंदिर में है मिला किसी ने कहा मस्जिद में है देखा क्या उसी की है कहानी सारी क्या उसी ने है हर किरदार गढ़ा [Chorus] है कहाँ वो, है कहाँ? अगर है वो, तो है कहाँ? है कहाँ वो, है कहाँ? अगर है वो, तो है कहाँ? [Verse 4] खड़ा हूँ मझधार पर मैं, अब थाम ले हाथ मेरा। तेरा ही हूँ मैं, सब कुछ छूट रहा हाथों से, नाव भी डूब रही है हालातों से। खेल उसका कमाल बड़ा, जग में जो मिला उसका मिला, नहीं मिला तो बस वो नहीं मिला। [Chorus] है कहाँ वो, है कहाँ? अगर है वो, तो है कहाँ? है कहाँ वो, है कहाँ? अगर है वो, तो है कहाँ? [Verse 5] शायद वो रूठ गया मुझसे, जो था मेरा, छूट गया मुझसे। न रही अब उम्मीद मुझसे यहाँ, क्या वो भूल गया मुझको, या बाकी है अभी मेरी सज़ा? [Chorus] है कहाँ वो, है कहाँ? अगर है वो, तो है कहाँ? है कहाँ वो, है कहाँ? अगर है वो, तो है कहाँ? [Bridge] तुझमें से ही तो हूँ मैं, भटकता मुसाफ़िर मैं, मेरी मंजिल तू है, है तू कहाँ? [Bridge Continued] मुझमें है अगर तू, तो तुझमें से ही मैं बना। समा ले अब फिर मुझे खुद में तू, तुझमें से ही तो हूँ मैं, तेरा ही हूँ मैं, तू है कहाँ? [Outro] न अब किसी के आने की खुशी, न किसी के जाने का गम, कभी टूटे, कभी कहीं बिखरे थे हम समेट कर बैठे जो इस कहानी को कहीं देखा, कहानी ही हमारी नहीं, एक कहानी में थे हम.......... ©Gaurav Rajput

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