White मैंने अश्कों को अपने रखा था संभाल के
तुम आए और किनारा कर गए बेहाल से
मंजिल भी न मिली और तुम भी चले गए बेजार से
अक्सर तन्हाई में दिल रोता है
क्यों तोड़ गए तुम दिल पत्थर यार से
न किया होता किनारा तो होती जिंदगी दुबारा रंगे साज से
ना तुम्हारी ही कमी खलती है
क्यों कर गए तुम मुझको बेकार से
किनारा दिखता था पहले अब तो कश्ती डूब चली बीच मझधार के
©aditi the writer
#GoodMorning Sarfraz Ahmad @account deactivated @vineetapanchal @it's_ficklymoonlight आगाज़