तुम बिन तड़पुं मैं ऐसे बिन पानी मछली हो जैसे, चल तो | हिंदी शायरी

"तुम बिन तड़पुं मैं ऐसे बिन पानी मछली हो जैसे, चल तो सकता हु इस जीवन की राह पर वैसे पर दिल मेरा सोचता हैँ हरदम तुम्हारे बिन तुम ही बतादो की तुम बिन जिया जाए कैसे ©Dhiraj Alone"

 तुम बिन तड़पुं मैं ऐसे बिन पानी मछली हो जैसे,
चल तो सकता हु इस जीवन की राह पर वैसे 
पर दिल मेरा सोचता हैँ हरदम तुम्हारे बिन 
तुम ही  बतादो की तुम बिन जिया जाए कैसे

©Dhiraj Alone

तुम बिन तड़पुं मैं ऐसे बिन पानी मछली हो जैसे, चल तो सकता हु इस जीवन की राह पर वैसे पर दिल मेरा सोचता हैँ हरदम तुम्हारे बिन तुम ही बतादो की तुम बिन जिया जाए कैसे ©Dhiraj Alone

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