प्रेम तरंगें जब दक दिल में तब तक रहती आस आज न हो त | हिंदी Poetry

"प्रेम तरंगें जब दक दिल में तब तक रहती आस आज न हो तो कल तो होगी मुझसे उसकी बात शरद चन्द्र-सी नयन सयन में करती मुझसे बात ऑंख खुली तो सपना हो गई अमृत की बरसात शरत पूर्णिमा के पावन अवसर पर आप सबको हार्दिक शुभकामनाएं. ©Shiv Narayan Saxena"

 प्रेम तरंगें जब दक दिल में तब तक रहती आस
आज न हो तो कल तो होगी मुझसे उसकी बात
शरद चन्द्र-सी नयन सयन में करती मुझसे बात 
ऑंख खुली तो सपना हो गई अमृत की बरसात

शरत पूर्णिमा के पावन अवसर पर आप सबको हार्दिक शुभकामनाएं.

©Shiv Narayan Saxena

प्रेम तरंगें जब दक दिल में तब तक रहती आस आज न हो तो कल तो होगी मुझसे उसकी बात शरद चन्द्र-सी नयन सयन में करती मुझसे बात ऑंख खुली तो सपना हो गई अमृत की बरसात शरत पूर्णिमा के पावन अवसर पर आप सबको हार्दिक शुभकामनाएं. ©Shiv Narayan Saxena

#sharadpurnima शरद पूर्णिमा पर हार्दिक शुभकामनाएं.

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