शायरी मे सिमटते कहाँ है दिल के दर्द दोस्तो . . बहल

"शायरी मे सिमटते कहाँ है दिल के दर्द दोस्तो . . बहला रहे है खुद को जरा आप लोगो के साथ."

 शायरी मे सिमटते कहाँ है दिल के दर्द दोस्तो
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बहला रहे है खुद को जरा आप लोगो के साथ.

शायरी मे सिमटते कहाँ है दिल के दर्द दोस्तो . . बहला रहे है खुद को जरा आप लोगो के साथ.

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