इक पिता ने अपनी बड़ी संतान को सरकारी स्कूल में बारह रुपया साल की फीस पर पढ़ाया...
अपनी ही दूसरी संतान को कॉन्वेंट स्कूल में 50,000 रुपया साल पर पढ़ाया...
अगर कोई कहे तो कह देना गवाह है हवाओं में...
माता - पिता भी भेदभाव करते हैं...
अपने को परम पिता परमेश्वर भी कहते हैं...
शतरंज की चाल में अपनी संतान को ही मात देते हैं...
©minki mohini gupta