White जिनके चेहरे से मासूमियत, छलक जाती थी कभी, जि | हिंदी शायरी

"White जिनके चेहरे से मासूमियत, छलक जाती थी कभी, जिनके लफ्जों में शरारत, झलक जाती थी कभी.. जिनकी नादानियों से, वक्त का पहिया ठहर जाता था, आज उनकी आंखों में.... सुकून क्यूं ठहरता नहीं..... 🍁🍁🍁 ©Neel"

 White जिनके चेहरे से मासूमियत, छलक जाती थी कभी,
जिनके लफ्जों में शरारत, झलक जाती थी कभी..

जिनकी नादानियों से, वक्त का पहिया ठहर जाता था,
आज उनकी आंखों में.... सुकून क्यूं ठहरता नहीं.....

🍁🍁🍁

©Neel

White जिनके चेहरे से मासूमियत, छलक जाती थी कभी, जिनके लफ्जों में शरारत, झलक जाती थी कभी.. जिनकी नादानियों से, वक्त का पहिया ठहर जाता था, आज उनकी आंखों में.... सुकून क्यूं ठहरता नहीं..... 🍁🍁🍁 ©Neel

सुकून 🍁

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