भरोसा अब गुनाहों से यहां कमतर नहीं यारों समंदर और | हिंदी शायरी

"भरोसा अब गुनाहों से यहां कमतर नहीं यारों समंदर और कतरे में जरा अंतर नहीं यारों ©Narendra Pareek"

 भरोसा अब गुनाहों से यहां कमतर नहीं यारों
समंदर और कतरे में जरा अंतर नहीं यारों

©Narendra Pareek

भरोसा अब गुनाहों से यहां कमतर नहीं यारों समंदर और कतरे में जरा अंतर नहीं यारों ©Narendra Pareek

#Night मुसाफिर

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