रात अपार है ¶
युद्ध ही सार है¶
गम बेमिसाल है¶
मात का ही आसार है¶
पर कर्म ही महान है¶
दिल में ही जो अंगार है ¶
लक्ष्य ही कमान है ¶
राह गुलजार है ¶
मंजिल की ना आस है¶
शून्य ही चाल है¶
शून्य ही विराम है ¶
रात अपार है ¶
कोरोना का जो वार है¶
विश्व मे जो कमान है¶
भारत में वह जान है¶
वसुधैव कुटुंबकम इसकी पहचान है¶
इसका जो सवाल है¶
हार ही इसका जवाब है¶
written by अविरल बाजपेयी
#Win##korona