जानता हूं कि मेरी संस्कृति से ज्यादा वैज्ञानिक औ | हिंदी विचार

"जानता हूं कि मेरी संस्कृति से ज्यादा वैज्ञानिक और चिरंजीवी कोई पद्धति नहीं है।।। यकीन मानो गाय भैंसों को चराता, दिन भर बकरियां हांकता मैं, भारत का जंगली हूं।।।।।।। वैसे सिर्फ एक ही सवाल है मेरा द्रोणाचार्य ने एकलव्य से अंगूठा क्यों मांगा था?????? इस वक्त प्रेमचंद की कहानी ठाकुर का कुंआ पढ़ रहा हूं 😌 सच बताना काफ़िर, ऊंच नीच, शिया सुन्नी, सिख, कैथोलिक प्रोटेस्टेंट, हीनयान महायान वगैरह वगैरह कितना जानते हो? अगर जानते हो, तो क्या? वाकई, तुम इंसान हो???????? ©Ram Yadav"

 जानता हूं 
कि मेरी संस्कृति से ज्यादा वैज्ञानिक 
और चिरंजीवी कोई पद्धति नहीं है।।।

यकीन मानो गाय भैंसों को चराता, 
दिन भर बकरियां हांकता
मैं, भारत का जंगली हूं।।।।।।।

वैसे सिर्फ एक ही सवाल है मेरा

द्रोणाचार्य ने एकलव्य से अंगूठा क्यों मांगा था??????


इस वक्त प्रेमचंद की कहानी
ठाकुर का कुंआ पढ़ रहा हूं 😌

सच बताना
काफ़िर, ऊंच नीच, शिया सुन्नी, सिख, कैथोलिक प्रोटेस्टेंट, हीनयान महायान वगैरह वगैरह 
कितना जानते हो?
अगर जानते हो, तो क्या?
वाकई, तुम इंसान हो????????

©Ram Yadav

जानता हूं कि मेरी संस्कृति से ज्यादा वैज्ञानिक और चिरंजीवी कोई पद्धति नहीं है।।। यकीन मानो गाय भैंसों को चराता, दिन भर बकरियां हांकता मैं, भारत का जंगली हूं।।।।।।। वैसे सिर्फ एक ही सवाल है मेरा द्रोणाचार्य ने एकलव्य से अंगूठा क्यों मांगा था?????? इस वक्त प्रेमचंद की कहानी ठाकुर का कुंआ पढ़ रहा हूं 😌 सच बताना काफ़िर, ऊंच नीच, शिया सुन्नी, सिख, कैथोलिक प्रोटेस्टेंट, हीनयान महायान वगैरह वगैरह कितना जानते हो? अगर जानते हो, तो क्या? वाकई, तुम इंसान हो???????? ©Ram Yadav

#अध्यात्म #भारत #संस्कृति

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