कुछ लोग ज़िद्दी होते हैं, गलत या सही के लिए ,
इसको कौन ही बता सकता है,
आपने भी तफ्तीश की होगी,सब सबूतो के बावजूद भी ठेंगा मिला??
नियती है साहिब ,बस कुर्सी बदलने की देरी है ।
तो क्या किया जाए ?
लड़ाई ?
बातचीत ?
जैसे को तैसा ?
नजरंदाज ?
ये सब अब आपकी जिद्द पर तय करता है !
- कमल मन से !!
©Kamal Pandey