मैं हाथ में फाइलें पकड़ें एकटक उस दरवाज़े की ओर देख | हिंदी शायरी
"मैं हाथ में फाइलें पकड़ें एकटक उस दरवाज़े की ओर देख रहा था, आया था अंजान शहर में
और खुद से ही बाते कर रहा था...❗
यू आते जाते लोग देखकर..
मन मेरा ऐसे घबराया था..❗
यार किस्मत ने फिर मुझे यू दोबारा..
बेजत्त करने बुलाया था..❗
‼️😞😞‼️"
मैं हाथ में फाइलें पकड़ें एकटक उस दरवाज़े की ओर देख रहा था, आया था अंजान शहर में
और खुद से ही बाते कर रहा था...❗
यू आते जाते लोग देखकर..
मन मेरा ऐसे घबराया था..❗
यार किस्मत ने फिर मुझे यू दोबारा..
बेजत्त करने बुलाया था..❗
‼️😞😞‼️