क्या मस्ती थी हम मस्त रहते थे  जहां कहीं जाकर  | हिंदी Poetr

"क्या मस्ती थी हम मस्त रहते थे  जहां कहीं जाकर  और न कुछ खाकर  कितने स्वस्थ रहते थे ।  अपनी धुन में हर समय  हम मस्त रहते रहते थे ।  बीत जाता था एक पहर  हम खेलने में व्यस्त रहते थे। वो दिन पहले के दिन थे यार  जिन्हें हम मुस्कुराकर गुजार दिया करते थे ।। @वकील साहब ✍️ ©love you zindagi"

 क्या मस्ती थी 

हम मस्त रहते थे 

जहां कहीं जाकर 

और न कुछ खाकर 

कितने स्वस्थ रहते थे । 

अपनी धुन में हर समय 

हम मस्त रहते रहते थे । 

बीत जाता था एक पहर 

हम खेलने में व्यस्त रहते थे।

वो दिन पहले के दिन थे यार 

जिन्हें हम मुस्कुराकर 

गुजार दिया करते थे ।।


@वकील साहब ✍️

©love you zindagi

क्या मस्ती थी हम मस्त रहते थे  जहां कहीं जाकर  और न कुछ खाकर  कितने स्वस्थ रहते थे ।  अपनी धुन में हर समय  हम मस्त रहते रहते थे ।  बीत जाता था एक पहर  हम खेलने में व्यस्त रहते थे। वो दिन पहले के दिन थे यार  जिन्हें हम मुस्कुराकर गुजार दिया करते थे ।। @वकील साहब ✍️ ©love you zindagi

#ChildrensDay #Apni _masti #dhun #Din #वक्त

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