मैं गीत लिखुं भी, तो क्या लिखुं
तुम गुन गुनाओगे तो बोलो,
जैसे बहाने आते तुझको, न आने के,
कभी तो आओगे , तो बोलो,
चांदनी रात अब झूठी लगती है,
आशाओं के दीप जलाओगे, तो बोलो
वक्त बिताती मेरे साथ, तो मेरी घड़ी भी है,
तुम साथ मेरे, उम्र बिताओगे तो बोलो.
©Piyush Nishchal
#Time