आज ये सोचा तो ताज्जुब हुआ कि हजारों की भीड़ में रहक | हिंदी Life

"आज ये सोचा तो ताज्जुब हुआ कि हजारों की भीड़ में रहकर भी जब बीमार होता हूँ तो सिर्फ तुम ही याद आती हो... माँ❤️ #mother's day ©Yash Khandelwal"

 आज ये सोचा तो ताज्जुब हुआ कि हजारों की भीड़ में रहकर भी जब बीमार होता हूँ तो सिर्फ तुम ही याद आती हो...

माँ❤️
#mother's day

©Yash Khandelwal

आज ये सोचा तो ताज्जुब हुआ कि हजारों की भीड़ में रहकर भी जब बीमार होता हूँ तो सिर्फ तुम ही याद आती हो... माँ❤️ #mother's day ©Yash Khandelwal

#MothersDay

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