White आज गुल खिले हैं, कल मुर्झा भी जाएंगे,
ऐसे ही पतझड़ और बसंत आएंगे जाएंगे।
यही जिंदगी है, हर पल बदलता जाएगा,
खुश रहो, ये पल फिर न लौटकर आएगा।
फूलों की खुशबू, जैसे यादें रह जाएंगी,
हर याद दिल में एक गीत गुनगुनाएगी।
राहों में बिछी हैं, जो कांटों की चादरें,
इन्हीं से गुजर कर, मंजिलें मुस्कुराएगी।
जो भी सफर है, वो हंस कर तय करो,
हर शाम की तरह, सुबह भी आएगी।
जिंदगी के हर रंग को अपनाते चलो,
कभी खुशी, कभी ग़म के मेले सजाएगी।
©Nirankar Trivedi
आज गुल खिले हैं, कल मुर्झा भी जाएंगे,
ऐसे ही पतझड़ और बसंत आएंगे जाएंगे।
यही जिंदगी है, हर पल बदलता जाएगा,
खुश रहो, ये पल फिर न लौटकर आएगा।
फूलों की खुशबू, जैसे यादें रह जाएंगी,
हर याद दिल में एक गीत गुनगुनाएगी।