मैं चाहूँ भी तो तुमको पा नही सकता
और ये बात किसी को समझा नही सकता !
मेरा दिल भी इसी बात को सोच कर रोता है
ऐसी क्या मोहब्बत हैं जो जाता नही सकता !
हर रात की अब यही हक़ीक़त है
के एक दिल है जिसकी आंखों में उम्मीद रोती हैं 1
मेरा दिल हैं !
जो हो चुका है क्या वह उस हक़ीक़त को रोता है
या जो हो ना सका वो हो जाये इस उम्मीद को रोता हैं !
मेरा दिल ना समझ हैं मानता नही
मैं चाहूँ भी तो तुमको पा नही सकता
और ये बात किसी को समझा नही सकता !
#कबीर.....
©Kabir Thakur
#rosepetal