कितने दर्द में होगी वो जो अब हर एक बात से घबराती ह | हिंदी Shayari

"कितने दर्द में होगी वो जो अब हर एक बात से घबराती है कभी मजबूत थी सोच उनकी आज हर एक बात पर आँख भर आती है जमाना हो गया उनको मुस्कराए हुए वो खिलखिला चेहरा वो हँसी बताए हुए ना जाने कौन कौन से दर्द ले दिल में बैठी है अब भरोसा नहीं उन्हें ज़िन्दगी पर अब खुद को वक़्त के हवाले कर बैठी है कोशिश की मैंने बहुत पर मैं उन्हें उस दर्द से ना निकाल पाया सोचा था की ख़ुशी के लम्हें दूंगा उन्हें पर मैं उस में भी सफल ना हो पाया दर्द दुनिया में इतने ना किसी को दे क्योंकि माँ वो लफ्ज है जिसकी आहट हर किसी के जीवन को सफल कर दे ।। ©Ravinder Sharma"

 कितने दर्द में होगी वो जो अब हर एक बात से घबराती है 
कभी मजबूत थी सोच उनकी आज हर एक बात पर आँख भर आती है 

जमाना हो गया उनको मुस्कराए हुए 
वो खिलखिला चेहरा वो हँसी बताए हुए 

ना जाने कौन कौन से दर्द ले दिल में बैठी है
अब भरोसा नहीं उन्हें ज़िन्दगी पर अब खुद को वक़्त के हवाले कर बैठी है

कोशिश की मैंने बहुत पर मैं उन्हें उस दर्द से ना निकाल पाया 
सोचा था की ख़ुशी के लम्हें दूंगा उन्हें पर मैं उस में भी सफल ना हो पाया 

दर्द दुनिया में इतने ना किसी को दे 
क्योंकि माँ वो लफ्ज है जिसकी आहट हर किसी के जीवन को सफल कर दे ।।

©Ravinder Sharma

कितने दर्द में होगी वो जो अब हर एक बात से घबराती है कभी मजबूत थी सोच उनकी आज हर एक बात पर आँख भर आती है जमाना हो गया उनको मुस्कराए हुए वो खिलखिला चेहरा वो हँसी बताए हुए ना जाने कौन कौन से दर्द ले दिल में बैठी है अब भरोसा नहीं उन्हें ज़िन्दगी पर अब खुद को वक़्त के हवाले कर बैठी है कोशिश की मैंने बहुत पर मैं उन्हें उस दर्द से ना निकाल पाया सोचा था की ख़ुशी के लम्हें दूंगा उन्हें पर मैं उस में भी सफल ना हो पाया दर्द दुनिया में इतने ना किसी को दे क्योंकि माँ वो लफ्ज है जिसकी आहट हर किसी के जीवन को सफल कर दे ।। ©Ravinder Sharma

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