माँ
संस्कारो की जननी माँ
शिक्षा की प्रथम सीढी माँ
वातसल्य का प्रतीक माँ
रब की सच्ची प्रतिमूर्ति माँ
धैर्य की मिशाल माँ
दिल से विशाल माँ
ममता की पहचान माँ
बच्चो का आसमा माँ
शब्द नहीं पूरा साहित्य है माँ
एक इंसान नहीं बालक का पूरा संसार है माँ
पर्वत सी अडिग है माँ
नदी सी सरल है माँ
हवा सी विरल है माँ
बर्फ सी शीतल है माँ
बिना कहे ही हर बात जान लेती है माँ
बेटे के मन की पीड़ा को झट से पहचान लेती है माँ
उसका बस चले तो सारी दुनिया झुका दे कदमो मे
पर्वत सी समस्या को भी हॅसते हसते सुलझा देती है माँ
बेटे का सच्चा संसार है माँ
बेटी का आत्म सम्मान है माँ
जिसके माँ है वही धनवान है
माँ के बिना सारी दुनिया बेकार है
@hanvantcharan
#MothersDay2021