"White
प्रकृति की अप्रितम सुंदरता
नदियों का कल कल बहता पानी
ये हरे भरे वृक्ष सब कुछ आलौकिक
सब कुछ अविश्ववसनिय
और ऐसे में कभी कभी प्रकृति का रौद्र रूप
क्या सोचा कि क्यों शांत खड़े विशाल पहाड़ दरकने क्यों लगते हैं?
कल कल बहती नदियां काल रूप क्यों ले लेती हैं?
कैसे छम छम बारिश मूसलाधार होकर कहर बरपाती है?
सोचना और जबाव खोजना क्योंकि कहीं कहीं हमारी गलतियों का खामियाजा़ प्रकृति भुगत रही है
©Sangeet..."