ਦਰਦ ਦੀ ਦਵਾ ਕਰੋ क्षोभ से क्या पूछना क्यों बेचैन है? | हिंदी कविता

"ਦਰਦ ਦੀ ਦਵਾ ਕਰੋ क्षोभ से क्या पूछना क्यों बेचैन है? वो तो सदैव से मौन है डायरी के पन्नों में लिखा है अश्कों के शब्द और लोग कहते हैं ये न जाने कौन है? ©Shilpa yadav"

 ਦਰਦ ਦੀ ਦਵਾ ਕਰੋ क्षोभ से क्या पूछना क्यों बेचैन है?
वो तो सदैव से  मौन है
डायरी के पन्नों में लिखा है 
अश्कों के शब्द और लोग कहते हैं
ये न जाने कौन है?

©Shilpa yadav

ਦਰਦ ਦੀ ਦਵਾ ਕਰੋ क्षोभ से क्या पूछना क्यों बेचैन है? वो तो सदैव से मौन है डायरी के पन्नों में लिखा है अश्कों के शब्द और लोग कहते हैं ये न जाने कौन है? ©Shilpa yadav

#Pain
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