"हर गहरे पानी मे मझधार नही होती
हर म्यान में रखी तलवार में धार नही होती
बेशक सब सरोकार हो जाएँ तेरे इश्क़ में
पर तेरी नज़रे मेरे जहन के पार नही होती
--वीर"
हर गहरे पानी मे मझधार नही होती
हर म्यान में रखी तलवार में धार नही होती
बेशक सब सरोकार हो जाएँ तेरे इश्क़ में
पर तेरी नज़रे मेरे जहन के पार नही होती
--वीर