"अब ये शोर जो उठा है उसे यू ही रहने दो
सन्नाटो में जिंदगी बीते ये अब मुझे मंजूर नही।
अब ये शोर जो उठा है उसे यू ही रहने दो
फिर घुटन हो वीराने में ये अब मुझे मंजूर नही
अब ये शोर जो उठा है उसे यू ही रहने दो
फिर वही अजीब सी बैचेनी अब मुझे मंजूर नही।"
अब ये शोर जो उठा है उसे यू ही रहने दो
सन्नाटो में जिंदगी बीते ये अब मुझे मंजूर नही।
अब ये शोर जो उठा है उसे यू ही रहने दो
फिर घुटन हो वीराने में ये अब मुझे मंजूर नही
अब ये शोर जो उठा है उसे यू ही रहने दो
फिर वही अजीब सी बैचेनी अब मुझे मंजूर नही।