White अहोई अष्टमी आई, चाँदनी रात सजी,
माँ की आरती गूँजे, घर में खुशियाँ भरी।
बच्चे प्यारे देखो, मिट्टी के बर्तन सजाए,
माँ की मन्नतें लेकर, चाँद को न्यौता दिए।
कड़वे को मीठा करने, व्रत का संकल्प लिया,
भाई की लंबी उम्र के लिए, प्रेम भरा पल लिया।
ज्योति की महक से, घर-आँगन जगमगाए,
माँ अहोई की कृपा से, सब संकट टल जाए।
इस पावन अवसर पर, सुख-शांति की हो बौछार,
अहोई अष्टमी के दिन, हो सबका जीवन भव्य यार।
©Ajita Bansal
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