221 221 221 221 2 गिर कर हर बार संभालना पड़ता है क | हिंदी Shayari Vid
"221 221 221 221 2
गिर कर हर बार संभालना पड़ता है
कोई पूछे हाल मुकरना पड़ता है
रिश्ते दिलों के ऎसे जुड़ते नहीं कुँवर
उन रिश्तों में जीकर मरना पड़ता है
कुँवर अरुण
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221 221 221 221 2
गिर कर हर बार संभालना पड़ता है
कोई पूछे हाल मुकरना पड़ता है
रिश्ते दिलों के ऎसे जुड़ते नहीं कुँवर
उन रिश्तों में जीकर मरना पड़ता है
कुँवर अरुण