आसान नहीं इश्क़ में फ़ना हो जाना और आशिक़ कहलाना ज | हिंदी शायरी

"आसान नहीं इश्क़ में फ़ना हो जाना और आशिक़ कहलाना जनाब, हुस्न की जवानी से चहरे की झुर्रियों तक इश्क़ जवां रखना पड़ता है | - मनीष चौधरी"

 आसान नहीं इश्क़ में फ़ना हो जाना और आशिक़ कहलाना जनाब,
हुस्न की जवानी से चहरे की झुर्रियों तक इश्क़ जवां रखना पड़ता है |
                  - मनीष चौधरी

आसान नहीं इश्क़ में फ़ना हो जाना और आशिक़ कहलाना जनाब, हुस्न की जवानी से चहरे की झुर्रियों तक इश्क़ जवां रखना पड़ता है | - मनीष चौधरी

#आशिकी

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