मेरी सासों को अहल ए फज़ल कर गया ,
जाते जाते वो शख्स मुझे गज़ल कर गया।।
मैने पाला था जिसे हरी ....की तरह ,
वह इश्क का कबूतर घायल कर गया ।।
यह कैसा mahbubहै जो हिसाब रखता है खूब,
जो गया तो मेरे इश्क का कतल कर गया..✍🏼।।
❣️
🫰🏼
©PAWAN रावण
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#अहल -ए -फ़ज़ल
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