आंखिर क्यों,,,,,,,,,
क्यों में आजकल खुश नहीं
रह पाता ।
क्यों एक अजीब सी कशमकश
है दिल में ।
क्यों ना खुशी है ना गम ही है
पास मेरे ।
क्यों में आजकल ढंग से नहीं
हंस पाता ।
क्यों लगता है मुझे मैंने कुछ
खो दिया है ।
क्यों दिल मेरा किसी काम में नहीं
लग पाता।
क्यों मेरे ही साथ होता है ये सब
कुछ ।
क्यों जिंदगी मुझे शुकून भी नहीं मिल
पाता ।
©Vickram
क्यों,,,,