वह बरसात में तुम्हारा मिलना
दिल तो बहुत कुछ कहना चाह रहा था
पर तुम्हें सुननें में जो मजा आ रहा था।
अपने अल्फाजों को दिल में ही समेट लिया।
मैं खुद को कोस रहा था कि काश
अपना छाता ना लाया होता तो
तुम्हारे साथ बग़ल में खड़ा होकर
तुम्हारी सांसों को भी महसूस कर पाता।
ज़माने बाद तुम मिलीं और तुम्हें दिल के
जज़्बात भी बयां ना कर सका।
हाय!! मेरी किस्मत...
©Upasna Mishra
#mohabbat