बुरा जो देखने में गया बुरा ना मिलया कोई नाम जो जग | हिंदी Shayari

"बुरा जो देखने में गया बुरा ना मिलया कोई नाम जो जग मे उसका लिया और जिक्र जो मेने उसका किया सब सोचा विपरीत होय अब कानों में इतना सहन नहीं मेरा इस छल से होगा मरण कहीं वो कलाकार धोखों में, मुझे अंधकार मे रख कर मेरा विश्वास आखिरी छल कर मेरी नींदों मे ज़हर यु भरकर खुद फुलवारी में सोय ©Shubham joshi"

 बुरा जो देखने में गया बुरा ना मिलया कोई
नाम जो जग मे उसका लिया
और जिक्र जो मेने उसका किया
सब सोचा विपरीत होय
अब कानों में इतना सहन नहीं
मेरा इस छल से होगा मरण कहीं
वो कलाकार धोखों में, 
मुझे अंधकार मे रख कर
मेरा विश्वास आखिरी छल कर
मेरी नींदों मे ज़हर यु भरकर 
खुद फुलवारी में सोय

©Shubham joshi

बुरा जो देखने में गया बुरा ना मिलया कोई नाम जो जग मे उसका लिया और जिक्र जो मेने उसका किया सब सोचा विपरीत होय अब कानों में इतना सहन नहीं मेरा इस छल से होगा मरण कहीं वो कलाकार धोखों में, मुझे अंधकार मे रख कर मेरा विश्वास आखिरी छल कर मेरी नींदों मे ज़हर यु भरकर खुद फुलवारी में सोय ©Shubham joshi

#FallAutumn

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