World Poetry Day 21 March रोता रहा, कहता रहा,आंसुओ को रोक नहीं पाया सोचा था जिसे हमने,हकीकत में बदल नहीं पाया अधूरे रह गए किस्से,कहानी बन न पाए वो, कभी मैं कह नहीं पाया,कभी वो सुन नहीं पाया ✒️नीलेश सिंह पटना विश्वविद्यालय ©Nilesh #WorldPoetryDay Quotes, Shayari, Story, Poem, Jokes, Memes On Nojoto