मराज ढूंढ़ने निकला था रज़ा हस्ती अपनी खाक गर्द के | हिंदी Shayari

"मराज ढूंढ़ने निकला था रज़ा हस्ती अपनी खाक गर्द के लिए लोगों ने तंज किया और हम चिराग लिए पीछे चले आये ____रज़ा"

 मराज  ढूंढ़ने निकला था रज़ा 
हस्ती अपनी खाक गर्द के लिए 
लोगों ने तंज किया  और हम 
चिराग लिए पीछे चले आये
____रज़ा

मराज ढूंढ़ने निकला था रज़ा हस्ती अपनी खाक गर्द के लिए लोगों ने तंज किया और हम चिराग लिए पीछे चले आये ____रज़ा

#Destiny

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