यहा कौन अपने वजूद से वासता रखता है,
आइने को तुम्हे देखे जेसे अरसा होगया,
अब तो तुम्हारा प्रतिभिम्ब भी तुम्हारा नही रहा,
सब अपना चेहरा दूसरों में ढून्ढते नज़र आ रहे हैं,
जेसे उनका खुद से कोइ बैर हो,
और दूसरों में छिपा हो उनका वजूद !!
-कमल मन से
©Kamal Pandey
#zindagikerang