कहने को यू तो क्या कुछ नहीं कहा उसने,
हां मगर फिर भी ना नहीं कहा उसने।
ढूंढ़ते है खुद को उसके खाली वक्त में अक्सर,
मुझको रखा था दरअसल इसी जगह उसने।
हम खड़े हैं एक अजब से दोराहे पर आकर,
वो चला तो गया है पर अलविदा नहीं कहा उसने।
दो पल के लिए कहा था उसने अपना मुझे,
एक पल के लिए लगा सही कहा था उसने।
हमारे दरमियान जो हैं मोहब्बत के जैसा ही है,
पर जो हैं वो मोहब्बत है ऐसा नहीं कहा उसने।
हमारी ख्वाहिशों को दिया था अपना पता उसने,
बस एक हमको ही रास्ता नहीं दिया उसने!!
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©R.N Pandey