।।"इतिहास हैं प्रचंड,अखंड मां भारती का मैं शृंगार हूं..
बुद्ध,महावीर संग, दिनकर का मैं विचार हूं....
मैं वहीं बिहार हूं, मैं वहीं बिहार हूं....
आदि गुरुग्रंथ ,सीता मां का संस्कार हूं...
कुंवर,मांझी और हर युवा का ललकार हूं...
मैं वही बिहार हूं, मैं वही बिहार हूं..."।।
।।मेरे कविता की कुछ पंक्तियां।।
©RUPESH KUMAR PANDEY,(poet/social activist)
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