गर कांटा कोई चुभ जाए
तो पांव नहीं काटे जाते
बट जाए सम्पत्ति फिर भी
रिश्ते नहीं बांटे जाते......
क्यूं हार गया तू इतनी जल्दी
क्यूं आंखें तेरी बह जाती
जो होता नहीं दिल में तेरे
जुबां कैसे वो कह जाती
रिश्तों में शोर सहा जाता है
तड़पाते तो हैं सन्नाटे
बट जाए संपत्ति फिर भी
रिश्ते नहीं बाटे जाते......
मत दबा मुठ्ठी को इतना
की रिश्ता रेत सा फिसल जाए
नजरों के सामने तो रहें अपने
पर नजरों से ही नजर ना आए
सौहाद्र बना रहे हृदय में
सुख दुख तो रहते आते जाते
बट जाए संपत्ति फिर भी
रिश्ते नहीं बांटे जाते.......
©Romy kumari
#Rishta
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