ये नजरें संवरी हुई है,रात देखा ख्वाब से सुर्खियां | हिंदी शायरी

"ये नजरें संवरी हुई है,रात देखा ख्वाब से सुर्खियां गालों पे ज्यादा मिल रही गुलाब से हैं झुकी पलकें, कोई देख न ले प्यार को आईना भी देखने को ,हो रहा बेताब से अनामिका त्रिपाठी ©Anamika Tripathi"

 ये नजरें संवरी हुई है,रात देखा ख्वाब से
सुर्खियां गालों पे ज्यादा मिल रही गुलाब से
हैं झुकी पलकें, कोई देख न ले प्यार को
आईना भी देखने को ,हो रहा बेताब से
अनामिका त्रिपाठी

©Anamika Tripathi

ये नजरें संवरी हुई है,रात देखा ख्वाब से सुर्खियां गालों पे ज्यादा मिल रही गुलाब से हैं झुकी पलकें, कोई देख न ले प्यार को आईना भी देखने को ,हो रहा बेताब से अनामिका त्रिपाठी ©Anamika Tripathi

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