पुराने लैम्पपोस्ट तले
छितराई हुई हैं यादें
ठंड में ठिठुरती हुई
लू में तपती हुई
भीग भी जाती हैं
बारिश में,
सूखे पत्तों को हटाते हुए
करहती हैं
पुकारती हैं ....
पीता हूँ सिगरेट
सड़क के उस तरफ
लैम्पपोस्ट से दूर
सोचता हूँ कुछ दोस्तों को ...लोगों को
कर लेता हूँ गाड़ी स्टार्ट...
भूलने लगता हूँ सब....
©अनुज कार्तिक
#alone