हिंदी और उर्दू को ना बाटिए मजहबों में। ग़ज़ल उर्दू

"हिंदी और उर्दू को ना बाटिए मजहबों में। ग़ज़ल उर्दू की लाती हैं, मुस्कान हिंदी के चेहरे पर। ©Dr. Aditi Maurya"

 हिंदी और उर्दू को ना बाटिए मजहबों में।
ग़ज़ल उर्दू की लाती हैं, मुस्कान हिंदी के चेहरे पर।

©Dr. Aditi Maurya

हिंदी और उर्दू को ना बाटिए मजहबों में। ग़ज़ल उर्दू की लाती हैं, मुस्कान हिंदी के चेहरे पर। ©Dr. Aditi Maurya

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