कविता बच्चो के लिए""" देखो बच्चो मै हु आई साथ | हिंदी

"""" कविता बच्चो के लिए""" देखो बच्चो मै हु आई साथ में देखो हरी हरी सब्जियां हु लाई आलू गोभी में फिर जंग छिड़ी है आलू बोले मुझको खा लो गोभी बोले मुझको खा लो गाजर बोले मैं भी हु आया पालक बोले मैं भी हु आई तुम जो मुझको खाओगे मोटे ताजे हो जाओगे हारोगे ना फिर किसी से तुम तो हीरो बन जाओगे दूध बोला मैं भी तो हु घुट घुट करके तुम मुझको पी जाओ दात तुम्हारे चमक उठेंगे और मजबूत भी हो जायेगे ना होगा फिर दात में दर्द तुम तो कुछ भी खा पाओगे"

""" कविता बच्चो के लिए""" देखो बच्चो मै हु आई साथ में देखो हरी हरी सब्जियां हु लाई आलू गोभी में फिर जंग छिड़ी है आलू बोले मुझको खा लो गोभी बोले मुझको खा लो गाजर बोले मैं भी हु आया पालक बोले मैं भी हु आई तुम जो मुझको खाओगे मोटे ताजे हो जाओगे हारोगे ना फिर किसी से तुम तो हीरो बन जाओगे दूध बोला मैं भी तो हु घुट घुट करके तुम मुझको पी जाओ दात तुम्हारे चमक उठेंगे और मजबूत भी हो जायेगे ना होगा फिर दात में दर्द तुम तो कुछ भी खा पाओगे

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