"तू ख्वाहीश है मेरी
इजहार करने की इजाजत है क्या...
खुदको आयने मे तुम्हारे साथ देखने की
हसरत है
ये हसरत भरी ख्वाहीश पुरी करने
की इजाजत है क्या...
तुम्हारे ख्वाब निंदे उडाती है
वो सच करके सुकून से गेहेरी निंद मे जाने की इजाजत है क्या...
©Vaishnavi Ajane"