White रेत पर चलना मुश्किल हो रहा था लेकिन मैं दौड़ | हिंदी Poetry Vide

"White रेत पर चलना मुश्किल हो रहा था लेकिन मैं दौड़ रही थी क्योंकि- मुझे देखना था कि- जब सुरज समुन्दर से नहा कर बाहर निकलता हैं तो कैसा दिखता है! क्या वो भी सुखाने के लिए अपने बालों को हवा में झटकता हैं? अगर हाँ तो वो बुंदे कहाँ गिरती हैं? सवाल तो बहुत सारे थे लेकिन एक भी पूछ न पाई! बस बाहें फैलाए और ऑंखें मुंदे उसके सुर्ख रंग को जी भर कर पी लिया *रियंका आलोक मदेशिया* ©Riyanka Alok Madeshiya "

White रेत पर चलना मुश्किल हो रहा था लेकिन मैं दौड़ रही थी क्योंकि- मुझे देखना था कि- जब सुरज समुन्दर से नहा कर बाहर निकलता हैं तो कैसा दिखता है! क्या वो भी सुखाने के लिए अपने बालों को हवा में झटकता हैं? अगर हाँ तो वो बुंदे कहाँ गिरती हैं? सवाल तो बहुत सारे थे लेकिन एक भी पूछ न पाई! बस बाहें फैलाए और ऑंखें मुंदे उसके सुर्ख रंग को जी भर कर पी लिया *रियंका आलोक मदेशिया* ©Riyanka Alok Madeshiya

# samundar#suraj

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